अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष- -महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होने के लिए शिक्षित होना जरुरी
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं से की गयी चर्चा में विभिन्न महिलाओं ने अपने-अपने विचार रखे। जिसमें विशेष रुप से कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक हाने के लिए उन्हें शिक्षित होना जरुरी है। और उन्हें पुरुषों के बराबर हक भी मिलना चाहिए। पूर्व सभासद लीना झाम ने कहा कि कन्या भू्रण को गर्भ में ही समाप्त किया जा रहा है, दहेज, वाल विवाह, हत्या, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं ने नारी की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े कर दिये है। महिलाओं को जागरुक होने के साथ ही शिक्षित होना जरुरी है।
मीरी पीरी खालसा एकेडमी की वरिष्ठ शिक्षिका श्रीमती ममता बाजपेयी का कहना है कि महिलाएं परिवार बनाती है। परिवार घर बनाता है। घर समाज बनाता है और समाज ही देश बनाता है। इसका सीधा साधा अर्थ यही है की महिला का योगदान हर जगह है। महिला की क्षमता कोे नजर अंदाज करके समाज कि कल्पना करना व्यर्थ है। शिक्षा और महिला ससक्तिकरण के बिना परिवार समाज और देश का विकास नही हो सकता है। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम (वीमेन आॅफ टूमाॅरो) यानी आने वाले कल की महिला रखी गई है। आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद भी महिलाओं को स्वतन्त्रता नहीं मिल पायी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं प्रशिक्षण लेकर स्वयं को भी रोजगार के लिए तैयार होना भी आवश्यक है। जिससे आने वाले कठिन समय को वह असानी से सहन कर सके।
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