भाकियू ने फसल के अवशेष (पराली, पुराल) जलाने का किया विरोध -सरकार ने कानून को वापस नहीं लिया तो किसान आन्दोलन करने को होंगे मजबूर -भारतीय किसान यूनियन की हुई बैठक में लिया गया निर्णय
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
संक्षिप्त
गदरपुर। भारतीय किसान यूनियन की हुई बैठक में किसानों ने फसल के अवशेष (पराली, पुराल) को न जलाने के लिए हुए आदेश के खिलाफ प्रदर्शन करते कड़ा विरोध किया है। इस संबंध में जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी भेजा गया है। जिसमें इस आदेश को शीघ्र वापस लेने की मांग की गयी। आदेश वापिस न लेने पर किसानों ने आन्दोलन की चेतावनी दी है।
विस्तृत
गदरपुर। गुरुवार को अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन की बैठक प्रदेश अध्यक्ष सलविन्दर सिंह कलसी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में किसानों ने फसल के अवशेष (पराली, पुराल) को न जलाने के लिए हुए आदेश का कड़ा विरोध किया है। इस संबंध में जिलाधिकारी को भेजे गये ज्ञापन में कहा गया कि किसान पराली नही जलाता ये केवल फसल अवशेष मात्र है। जो कुल पराल का 25 प्रतिशत से भी कम होता है। शेष हिस्सा जोतकर मिट्टी में ही मिला दिया जाता है। अगर फसल अवशेष नहीे जलाये जायेंगे तब खेत में हैरो नहीं चल पाती है। किसानों ने कहा कि कानून लागू करने से पूर्व सरकार पराली को खेत में जोतने हेतु आधुनिक मशीनरी निशुल्क उपलब्ध करवाये जैसे सुपर सीडर इत्यादि। सुपर सीडर चलाने हेतु 60हाॅपाॅवर का ट्रैक्टर चाहिए जो कि लद्यु एवं सीमांन किसान के बजट से बाहर है। इस प्रकार के किसानों की 80 प्रतिशत संख्या है। किसानों ने कहा कि बेलर सरकार निशुल्क उपलब्ध करवाये क्योंकि इसकी कीमत अत्याधिक है। प्रति एकड़ 5000 रुपये किसान को फसल अवशेष एकत्र कर खेतों से बाहर करने हेतु तुरन्त दिया जाये। किसान ने कहा कि सरकार के पास आज तक फसल अवशेष को लेकर कोई नीति नहीें है। इस नीति को बनाकर लागू करने तक आदेश वापिस लिया जाये। अन्यथा किसान आन्दोलन करने को मजबूर होगा और ट्रालियों में फसल अवशेष भरकर जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचाया जा सकता है। बैठक में पूर्व प्रधान रविन्द्र सिंह, गुरबक्श सिंह, साहब सिंह, सुरजीत डाबर, रणजीत सिंह, सुखविन्दर सिंह, सुबेग सिंह, बिक्रम जीत सिंह, जगमोहन सिंह, शमशेर सिंह, संदीप सिंह, अंग्रेज सिंह, साहब सिंह, सरजीत सिंह आदि मौजूद थे