मतदान की तारीख नजदीक, चुनाव में धर्म और जाति की राजनाति हो रही हावी
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संजीदा सुल्तानी
गदरपुर। किसी भी व्यक्ति को किसी भी धर्म जाति या संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई हक नहीं, यह सब असुरक्षा व आशांति उत्पंन करने के लिए किया जा रहा है। हमारा भारत देश पूरे विश्व में एकता के प्रतीक रूप मे माना जाता है, क्योंकि इसमें विभिन्न धर्म और जाति के लोग मिल जुलकर रहते है। चुनाव के चलते कुछ राजनैतिक दलों ने हमारी एकता को खंड करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे भारत वासियों को बहुत ठेस पहुंच रही है। हमें अपने देश की एकता को साथ लेकर चलना चाहिए तभी हमारा देश विकास की राह पर चलेगा। किसी भी व्यक्ति को यह शोभा नहीं देता कि स्कूल या कॉलेज मंे अपने धर्म का प्रचार करें, क्योंकि भारत का संविधान यह सिखाता है की सब धर्म एक सामान है। भारत देश में सभी धर्म व जातियों को बराबर का सम्मान दिया जाता है। नेताओं को यह बात समझ लेनी चाहिए कि चुनावी जंग में किसी भी धर्म को मैदान में न उत्तारे और आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा सन्देश दे नाकि उन्हें भेद भाव का पाठ पढ़ायें। देश की जनता को भी चाहिए जाति, धर्म एवं भेदभाव से उठकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें जिससे एक अच्छे प्रतिनिधि का चुनाव हो सके।
हिंदुस्तान का नारा हैः ‘हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस मे सब भाई भाई’
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