कोरम के आभाव एवं ग्राम प्रधानों के विरोध के चलते क्षेत्रपंचायत की बैठक स्थगित -ग्राम प्रधानों ने लगाया आरोप बीडीसी बैठक में दिये गये प्रस्तावों नहीं किया जाता गौर, दो सूत्रीय मांगों को लेकर दिया धरना
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विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर। क्षेत्र पंचायत की बैठक कोरम के आभाव एवं ग्राम प्रधानों के विरोध के चलते स्थतिगत हो गयी। ग्राम प्रधानों का आरोप है कि जो भी अब तक बीडीसी बैठक में प्रस्ताव दिये गये एक भी प्रस्ताव पर कोई कार्य नहीं करवाया गया। जिससे बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है। वही ग्राम प्रधानों ने प्रदेश अध्यक्ष के आहवान पर दो सूत्रीय मांगों को लेकर ब्लाक कार्यालय में धरने पर बैठ गये।
कप कपाती ठंड के चलते पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बीडीसी के बैठक प्रारम्भ होने लगी तो बैठक में क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं ग्राम प्रधानों का कोरम नहीं हो पाया वहीं उपस्थित ग्राम प्रधानों ने बीडीसी बैठक का बहिष्कार शुरु कर दिया। ग्राम प्रधानों का आरोप था कि अब तक हुई बैठकों में जो भी प्रस्ताव दिये गये है उनमें से किसी भी विभाग का कार्य तक नहीं हुआ है इसलिए बैठक में भाग लेने का कोई महत्व ही नही है। कोरम के आभाव एवं ग्राम प्रधानों के विरोध के चलते बीडीओ द्वारा बैठक को स्थगित कर दिया गया। बैठक स्थतिगत हो जाने के बाद ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष कवंलजीत कौर ओजला के नेतृत्व में प्रदेश अध्यख के आहवान पर दो सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम प्रधान ब्लाक कार्यालय में धरने पर बैठक गये । इस दौरान ग्राम प्रधानों का आरोप था कि अब तक हुई बीडीसी बैठकों में जो भी प्रस्ताव दिये गये है उनमें से किसी भी विभाग का कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। इस लिए इस बीडीसी बैठक का क्या महत्व है। वही ग्राम प्रधानों ने अपनी दो सूत्रीय मांगों के सम्बंध में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन भी भेजा गयां जिसमें कहा गया कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के कारण अधिकांश गांव में नेटवर्क नहीं है। कई किलोमीटर पैदल मार्ग है। ऐसी स्थिति में मोबाइल माॅनिटरिंग सिस्टम लागू करना संभव नहीं है। वही एमएस साइड को दिनो दिन जटिल बनाया जाना जाना एमएस में आधार एफटीओ भुगतान की समस्या ग्राम प्रधानों एवं संबंधित कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण दिये ही नेये सिस्टम को लागू किया जा रहा है। ग्राम प्रधानों की दूसरी समस्या जिसमें कहा गया कि मनरेगा के ग्राम पंचायतों में 20 से अधिक कार्यो का ना होना, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना एक ऐसी योजना है जिसमें ग्राम पंचायते अपेन ग्राम पंचायते विकास कार्य अधिक करवाती है। ज्ञापन में कहा गया कि यदि उक्त मांगों पर एक सप्ताह पर पुर्नविचार नहीं किया गया तो समस्त ग्राम प्रधानों द्वारा जनवरी माह में राजधानी देहरादून में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। धरना प्रदर्शन करने वालो ंमें ग्राम प्रधान कनकटा गुरविन्दर सिंह, ग्राम प्रधान झगड़पुरी शराफत अली मंसूरी, ग्राम प्रधान खटोला मुकेश सिंह राणा, ग्राम प्रधान कोपा मनोज देवराडी, ग्राम प्रधान आनन्दखेड़ा चै. इन्द्रपाल सिंह, चौ संजय सिंह, नंदन सिंह, राजबाला, लेखराज, चन्द्रपाल सिंह,, बलबीर कौर आदि मौजूद थे। वही बैठक प्रारम्भ होने पर जिले से भी अधिकांश अधिकारी नहीं पहुंच पाये थे जबकिस्थानीय स्तर के ही अधिकांषअधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर गुरदेव सिंह, नरेश कुमार, अनिल अरोरा,, मदन मोहन जोशी, हरीश चन्द्र, डीएस राणा, भगवंत सिंह चौहान, सलविन्दर सिंह कलसी, सुमित खेड़ा, मोहन चन्द यादव, पीसी पंत, सुभाष आर्य, ओपी भट्ट आदि अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।
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