नौनिहालों के चेहरे पर अक्षय पात्र बिखेर रहा मुस्कान -गदरपुर में स्थित फाउण्डेशन की केन्द्रिय रसोई से प्रतिदिन 8000 हजार बच्चों को मिल रहा भोजन -एक माह से 76 विधालयों में परोसा जा रहा मिड डे मिल
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर। कहते है कि धरती पर बच्चे भगवान का रूप होते है, जब इन्हीं बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आती है तो वास्तविकता में स्वयं परमपिता परमेश्वर प्रसन्न होकर अपना आर्शीवाद प्रदान करते है। ऐसा ही कुछ कार्य अक्षय पात्र फाउण्डेशन के उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर की तहसील गदरपुर स्थित केन्द्रियकृत रसोई से किया जा रहा है। जहाँ से प्रतिदिन 8 हजार से अधिक स्कूली विधार्थियों को सुपाच्य, स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। उक्त केन्द्रियकृत रसोई से प्रतिदिन 76 विधालयों में मिड डे मिल कार्यक्रम के तहत पौषाहार उपलब्ध करवाया जाता है। विगत लगभग एक माह से फाउण्डेशन ने उक्त कार्य के जरिये अपने शानदार प्रबंधन का उदाहरण देते हुए मानवता की सेवा का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। फाउण्डेशन का लक्ष्य आने वाले दिनों में 15000 हजार विधार्थियों को मध्यान्ह् भोजन उपलब्ध करवाने का है। इसके लिए तैयारियां जोरों पर है। फाउण्डेशन के श्री भरतर्षभ दास ने कहा कि एक माह से इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य किया जा रहा है कि कोई भी बच्चा भूखा ना रहे। इस कार्य के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी फाउण्डेशन की सराहना की है। देश भर में अक्षय पात्र की यह 59 वीं किंचन है। जिसके बाद 14 राज्यों के 20 हजार से अधिक राजकीय विधालयों में 18 लाख स्कूली विधार्थियों को भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। बेहद आधुनिक है रसोई-फाउण्डेशन की उक्त रसोई बेहद आधुनिक है। जिसमें मशीनों से रोटी, सब्जी, दाल व चावल तैयार किये जाते है। एक बार में एक कुन्टल आटा गुंथने की मशीन से 20 हजार रोटियां बनाई जा सकती है। साथ ही 1200 लीटर दाल व स्टीम कूकर में 100 किलो चावल बन सकते है। बेहद आधुनिक किस्म की उक्त किंचन 2 एकड़ में फैली हुई है, जिसके निर्माण में 10 करोड़ लागत आई है। फाउण्डेशन का लक्ष्य अगले 6 माह में 187 विधालयों के 15 हजार विधार्थियों तक भोजन पहुँचाने का है। वर्तमान में करीब 50 कार्मिक साफ-सफाई की बेहद शानदार व्यवस्था के बीच प्रतिदिन भोजन बनाकर विधार्थियों को पहुँचा रहे है। प्रतिदिन मिड डे मिल गाईडलाईन के अनुसार नमकिन चावल, वेज पुलाव, मिक्स दाल, आलु मटर सब्जी, सादा चावल, आलु छोले, देशी चना, जीरा राइस, राजमा आदि भी बच्चों के भोजन में प्रतिदिन कार्यक्रम के अनुसार उपलब्ध हो रहे है। फाउण्डेशन इस कार्य में वर्ष 2000 से ही सक्रिय है। इनका कहना है कि बेहद सफल प्रबंधन का उदाहरण बन चुकी उक्त किंचन को लेकर फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री भरतर्षभ दास का कहना है कि फाउण्डेशन अपने मानवता के कार्यो में समर्पित है। यह हर्ष की बात है कि प्रतिदिन मिल रहे भोजन से स्कूली बच्चे बेहद संतुष्ट है कि उन्हें पौष्टिक व स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध हो रहा है। जिससे विधार्थियों में बेहद उत्साह का माहौल है। स्कूल में बच्चों की उपस्थिति में सुधार हुआ है। साथ ही इसमें अध्यापकों व स्थानीय प्रशासन का भी काफी सहयोग मिल रहा है। जिससे बिना किसी अव्यवस्था के भोजन पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। फाउण्डेशन अपने कार्यो को लेकर बेहद प्रसन्नता व हर्ष का अनुभव कर रही है। उम्मीद है कि मानवता के इस कार्यो को निरन्तर आगे बढ़ाते रहेगें।