व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष ने बोर जलाशय में मछली का ठेका दिये जाने का किया विरोध - प्रदेश में यूपी के बराबर मंडी शुल्क लागू करने की मांग की उठाई, चावल पर भी शुल्क समाप्त किया जाये
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
स्ंक्षिप्त
गदरपुर। बौर जलाशय को मत्स्य पालन हेतु ठेके पर दिये जाने का व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि इससे रोजगार केेे अवसर समाप्त होने का सीधा असर व्यापारियों के कारोबार पर पर पड़ेगा। वहीं उत्तर प्रदेश के बराबर मंडी शुल्क लगाये जाने की मांग भी उठाई। वहीं चावल पर भी लगने वाला शुल्क समाप्त किया जाये।
विस्तृत
गदरपुर। गुरुवार को व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष राजकुमार भुड्डी ने अनाज मंडी स्थित कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के दौरान कहा गूलरभोज के बौर जलाशय को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया गया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडये के प्रयासों से बौर डेस्टिनेशन के सपने को साकार किया गया, लेकिन अब बौर जलाशय में मछली का ठेका दिये जाने से डेस्टिनेशन पर असर पड़ेगा। डेस्टिनेशन से गूलरभोज को पर्यटन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान मिली है। राष्ट्रीय स्तर की कई जल क्रीड़ा प्रतियोगितायें हो चुकी हैं। हजारों की संख्या में पर्यटकों ने बौर जलाशय का भ्रमण किया है। इससे व्यापारियों को काफी फायदा हुआ, लेकिन अब मछली पालन का ठेका दिये जाने से पर्यटन पर असर पड़ेगा, जिससे व्यापारियों को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जिला व्यापार मंडल शीघ्र ही व्यापारियों से बैठक कर आगामी रणनीति पर विचार करेगा। वहीं जिलाध्यक्ष भुड्डी ने कहा कि उत्तरााखंड मंडी शुल्क ढाई प्रतिशत है जबकि यूपी में डेढ़ प्रतिशत है। साथ ही चावल पर भी मंडी शुल्क लगाया जा रहा है जो की वह फसल खरीद के उत्पादन से अलग है। उन्होंने यूपी के बराबर मंडी शुल्क लगाने व चावल पर शुल्क हटाये जाने की मांग की। भुड्डी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने ऐसा नहीं किया जो यहां के मिलर्स एवं आढ़ती व्यापारियों पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कृषि मंत्री को भी अवगत करवाया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस मौके पर जिला संयुक्त सचिव लेखराज नागपाल एवं जिला संगठन मंत्री कृष्ण लाल सुधा मौजूद थे।
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