100 प्रतिशत विकलांग का बना दिया छः हजार रुपए मासिक आमदनी का प्रमाण पत्र -पटवारी साहब बोले हमे क्षेत्र में जाने की जरूरत ही नही हर आदमी तीन सौ रुपये से अधिक प्रति दिन कमाता है
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर। सकैनिया गदरपुर तहसील का एक अजीब मामला सामने आया है यहां पटवारी साहब ने बिना क्षेत्र में जाये एक 100 प्रतिशत दिमागी रूप से बीमार व्यक्ति जोकि लाचारी के कारण चारपाई पर हैं। पटवारी साहब ने ऐसे विकलांग व्यक्ति का छः हजार रुपये महीने की आमदनी दर्शाते हुए उसका आय प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जोकि चल पाने में असमर्थ होते हुए परिजनों पर आश्रित है। जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि गदरपुर तहसील के एक पटवारी आजकल क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बने हुए है। इनके द्वारा नन्दपुर के निर्मल पुत्र लखवीर जो दिमागी रूप से सौ प्रतिशत पूर्ण विकलांग हो गए है जो मानसिक बीमारी की वजह से पिछले 6 माह से चारपाई पर है इनके तीन बच्चे है जिसमे बड़ी लड़की 10 वर्ष, उससे छोटा पुत्र 7 वर्ष सबसे छोटी पुत्री 6 वर्ष की है जिनके पास रोजगार का कोई साधन नही है जिसके चलते इनकी पत्नी राजविंदर कौर ने अपने पति की विकलांग पेंशन बनवाने के लिए आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। जिसमंे आवेदक द्वारा अपने पति का विकलांग प्रमाण पत्र भी आवेदन के साथ संलग्न किया था। उसके बाद भी पटवारी द्वारा बिना किसी जांच व भौतिक सत्यापन के चारपाई पर पड़े 100 प्रतिशत विकलांग की 6000 हजार रुपये मासिक आमदनी का आय प्रमाण पत्र बना दिया और कह रहे है जहां चाहो शिकायत कर दो। आरोप है कि पटवारी ने इसके अलावा भी क्षेत्र के अनगिनत लोगों के भी इन्होंने अधिक आमदनी का आय प्रमाण पत्र बना दिया हैं। जिसकी वजह से स्कूल की छात्र छात्राएं सरकार की योजनाओ का लाभ लेने से वंचित रह गये। इस संबंध में पटवारी साहब का कहना है कि आय प्रमाण पत्र के मामले में हमे क्षेत्र में जाने की जरूरत नही हैं न किसी जांच की आवश्यकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त पटवारी जी अपनी इनकम के अनुसार दूसरे की आमदनी को आंक रहे हैं जबकि पटवारी ने पीड़ित परिवार की मुख्य परेशानी को भी जानना जरूरी नहीं समझा जिसमें परिवार की ओर से साफ कहा गया कि उस परिवार का गुजर बसर सिर्फ उस व्यक्ति की कमाई से होता था जा ेकि पिछले कुछ समय से कोमा की स्थिति में है जिसकी वजह से परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। हैरानी की बात तो यह है कि जिसको देखते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने भी बीमार व्यक्ति का शत प्रतिशत दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किया है। लेकिन आवेदन के दौरान लगाये गये पत्रों को जांचें बिना संबंधित पटवारी ने कोमा जैसी गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहे व्यक्ति का 6000 रुपये मासिक का आय प्रमाण पत्र जारी कर पीड़ित परिवार को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया।
प्रमाण पत्र की जांच की जायेगीःतहसीलदार
गदरपुर। पटवारी द्वारा विकलांग को बनाया गया प्रमाण पत्र के सम्बंध में जब तहसीलदार देवेन्द्र सिंह बिष्ट से जानकारी ली गयी तो उनका कहना था कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि किसी विकलांग व्यक्ति का भूलवश 6000 रुपये मासिक आय का प्रमाण पत्र जारी हो गया है तो उसकी जांच की जाएगी यदि जांच में पात्र पाया गया तो उस व्यक्ति का कम आय का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।