मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार अधिकारियों के खिलाफ अभियान हुआ तेज -विजिलेंस टीम ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जिले के बड़े अधिकारी डीपीआरओ को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
रुद्रपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश को भ्रष्टाचार से मुक्त करवाने की मुहित छेड़ रखी है। प्रदेश में भ्रष्ट अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जा रही है। इसी के चलते रुद्रपुर में कार्यरत जिले के एक बड़े अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) रमेश चन्द्र त्रिपाठी को विजिलेंस टीम ने एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने मेट्रोपोलिस मॉल में बुलाकर मारा छापा, 20 लाख बरामद किये गये। बताया जाता है कि ठेकेदार से उपकरणों की सप्लाई और कार्यों के भुगतान के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे 2005 बैच के पीसीएस (संबद्ध) जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) रमेश चंद्र त्रिपाठी को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। विजिलेंस टीम ने शहर के माल से आरोपी को पकड़ा और विरोध करने पर घसीटते हुए कार तक ले गई। पूछताछ के बाद विजिलेंस को आरोपी के घर से 25.71 लाख की नकदी भी मिली है। आरोपी मूल रूप से महाराजगंज उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। पुलिस अधीक्षक सतर्कता हल्द्वानी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम के तहत जारी टोल फ्री नंबर 1064 में पीड़ित किच्छा निवासी ठेकेदार रिंकू सिंह ने शिकायत की थी। कहा था कि उसके द्वारा की गई उपकरणों की सप्लाई और कार्यों के भुगतान के एवज में डीपीआरओ रमेश चंद्र त्रिपाठी एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं। जांच कराने पर शिकायत सही मिली। निरीक्षक ललिता पांडे के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया। गुरुवार को शिकायतकर्ता रिंकू सिंह ने डीपीआरओ त्रिपाठी को नैनीताल रोड स्थित मेट्रोपोलिस मॉल में बुलाया, जहां वीआईपी पार्किंग के पास शिकायतकर्ता जब डीपीआरओ को एक लाख रुपये देने लगा तो टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान डीपीआरओ ने विरोध भी किया, लेकिन विजिलेंस टीम उसे घसीटते हुए पास खड़ी कार तक ले गई। माल में घूम रहे लोगों को लगा कि बदमाश किसी व्यक्ति का अपहरण कर रहे हैं। स्थिति गंभीर होती देख विजिलेंस टीम ने परिचय देकर मामला शांत कराया। पूछताछ के बाद टीम आरोपी के आफिसर्स कालोनी, विकास भवन के पीछे रुद्रपुर स्थित आवास पर पहुंची तो 25.71 लाख रुपये बरामद हो गए। एसपी मीणा ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। शुक्रवार को आरोपित को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट नैनीताल में पेश किया जाएगा। विजिलेंस टीम रात तक आरोपी से पूछताछ के साथ उसके घर व अन्य ठिकानों को भी खंगालती रही। टीम को नकदी के अलावा संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। पता किया जा रहा है कि उसने जांच में पता चला है कि आरोपित की उच्च अधिकारियों से भी सांठगांठ थी जिसके कारण उसकी पोस्टिंग देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर सिर्फ तीन जिलों में होती थी। आरोपी वर्ष 2011 से 2016 तक उधम सिंह नगर, 2016 से 2021 तक हरिद्वार और फिर वर्ष 2021 से अब तक अब तक उधम सिंह नगर में डीपीआरओ रहा। सके अलावा, डीपीआरओ ने अपने आवास पर जो एसी और इन्वर्टर लगाया था वह भी ठेकेदार पर दबाव डालकर लगवाया था।
डीपीआरओ की तीसरी बार हुई थी यूएस नगर में तैनाती - पिछले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए विशेष रूप से बुलाए गए थे त्रिपाठी
ठेकेदार से घूस लेते पकड़े गए जिला पंचायती राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी की तीसरी बार ऊधम सिंह नगर जिले में तैनाती हुई थी। बताया जाता है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को संपन्न कराने के उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें जिले में विशेष रूप से बुलाया गया था। जिले में पिछले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऊधम सिंह नगर में पिछले चुनाव संपन्न करवाने के कुछ समय बाद उनका हरिद्वार तबादला कर दिया गया था। इसके कुछ समय बाद उनका फिर से ऊधम सिंह नगर के जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तबादला हो गया। सूत्रों के अनुसार ठेकेदार से बिल पास कराने के एवज में घूस मांगने से पहले भी त्रिपाठी के खिलाफ कुछ शिकायतें थीं। ठेकेदार ने पिछले दिनों नगर निगम कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सीएम से शिकायत करने की कोशिश की थी, लेकिन उसकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी।
तराई में विजिलेंस कई बार ट्रैप कर चुकी है घूसखोर
तराई में घूसखोरी में पहली बार अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे पहले भी विजिलेंस ने अधिकारियों और कर्मचारियों को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। हाल ही में सीएमओ कार्यालय में तैनात एसीएमओ को विजिलेंस ने घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था।
अब तक आए केस
केस - 1
जनवरी 2020 में झनकईयां थाने में तैनात सिपाही कुशल कन्याल को विजिलेंस की टीम ने 20,000 रुपये की घूस लेते हुए ट्रैप किया था। मकान में हो रहे विवाद को निपटाने के लिए सिपाही ने घूस मांगी थी।
केस - 2
10 अगस्त 2022 को चकबंदी कार्यालय में तैनात पेशकार आनंद चंद्र को विजिलेंस की टीम ने तीन हजार की घूस लेते हुए पकड़ा था। पेशकार ने भूमि की दाखिल खारिज कराने के एवज में रिश्वत मांगी थी।
केस - 3
दो जून 2022 को विजिलेंस ने नगर पंचायत कार्यालय सुल्तानपुर पट्टी के हेड क्लर्क देवनाथ मिश्रा को 26,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा। आरोपी ठेकेदार से बिल पास कराने के एवज में रिश्वत मांग रहा था।
केस - 4
24 जनवरी 2023 को किच्छा तहसील में तैनात कानूनगो धनेश कुमार को विजिलेंस ने पांच हजार की घूस लेते हुए पकड़ा था। कानूनगो ने कृषि भूमि को शिकायतकर्ता के नाम कराने के एवज में रिश्वत मांगी थी
केस - 5
23 मार्च 2023 को गदरपुर के गिरधरपुर गांव की प्रधान कविता गुंबर को विजिलेंस टीम ने 6,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। प्रधान ने फाइल में हस्ताक्षर करने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।
केस - 6
आठ मई 2023 को विजिलेंस ने सीएमओ कार्यालय में 16,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए चिकित्सा लेखाकार अनिल जोशी और एसीएमओ डॉ. तपन शर्मा को रिश्वत मांगते हुए गिरफ्तार किया था। आरोपी नुक्कड़ नाटक का बिल पास कराने के नाम पर रिश्वत मांगी थी।