पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली में किया जायेगा बदलाव, जिलेवार
नैनीताल (संवाद-सूत्र) कुमाऊं के नवनियुक्त डीआईजी ने कार्यभार संभालने के बाद कानून व्यवस्था को चाक-चैबंद करने के दावे किये हैं। उनका कहना है कि कानून व्यवस्था को में सुधार लाने के लिए पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली में भी बदलाव किया जाएगा। पुलिसकर्मियों की समस्या जानने के साथ ही हर जिले में व्यक्तिगत तौर पर जाकर गंभीर समस्याओं को चिन्हित करेंगे। जिसके बाद प्रभावी तौर पर इन समस्याओं को हल किया जाएगा। न्यायालयों में लंबित मामलों की पैरवी में कई बार पुलिस की चूक अपराधियों के लिए सहायक साबित हो जाती है। ऐसे में गंभीर मामलों के लिए पैरवी सेल गठित किया जाएगा। डिप्रेशन में आत्महत्या कर रहे पुलिसकर्मियों की विभागीय और व्यक्तिगत तौर पर काउंसलिंग करने की बात कही मंगलवार को नवनियुक्त डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने मल्लीताल स्थित कार्यालय में अधीनस्थों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कार्यालयी काम के साथ ही लीक से हटकर कार्य करने और जनहित में अभियान चलाने के निर्देश पुलिस कर्मियों को दिए। जिसके बाद डीआईजी पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने पत्रकार वार्ता कर कहा कि वह हरिद्वार, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, पिथौरागढ़, एसपी समेत एसएसपी उधमसिंह नगर का कार्यभार संभाल चुके है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें दो वर्ष महाराष्ट्र पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य करने का अवसर मिला। बीते छह माह में उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा 500 करोड़ का पावर बैंक घोटाला पकड़ने के साथ ही साइबर मामलों का खुलासा करने में उनकी भूमिका रही। मंडल में बढ़ रहे साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए अब जिला लेवल पर भी एक्टिव रूप से साइबर सेल कार्य करेगा। मंडल में अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था में सुधार लाने के लिए पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली में भी बदलाव लाने की जरूरत है। जिसको लेकर जल्द पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया जाएगा। साथ ही औचक निरीक्षण कर वह खुद जनता से फीडबैक भी लेंगे। पुलिसकर्मियों में डिप्रेशन के कारण आत्महत्या के मामले बढ़ने को उन्होंने गंभीर समस्या बताया।