भाई तारु सिंघ के शहीदी दिन पर 21 युवकों ने केशो की बेअदबी ना करने का किया संकल्प
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर । मुगलकाल में दबंग राजशाही द्वारा केश सहित खोपड़ी उतारकर शहीद किए गए भाई तारु सिंघ के शहीदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 21 युवाओं को केशों की बेअदबी ना करने का संकल्प करवाते हुए उपहार स्वरूप धार्मिक पुस्तकों का वितरण किया गया। ग्राम नवाबगंज स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु हरगोबिंद सर में शहीदों की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जत्थेदार बाबा अनूप सिंघ ने कहा कि शहीद भाई तारु सिंघ द्वारा अपने केशों की बेअदबी नहीं होने दी जबकि अपनी खोपड़ी उतरवा दी गई ,उन्होंने कहा ,लाहौर के सूबेदार जकरिया खान द्वारा मुखबिर की झूठी सूचना पर भाई तारु सिंघ को गिरफ्तार कर लिया गया उन पर आरोप लगाया गया कि वह अपने घर में आने जाने वाले भूखे प्यासे लोगों को भोजन पानी से सेवा करते हैं जबकि भाई तारु सिंघ अपनी मां और बहन के सहयोग से मेहनत मजदूरी खेती करके जो कुछ अनाज पैदा होता था अपनी जरूरत के लिए रख कर बाकी जरूरतमंदों की सहायता के लिए खर्च करते थे मुखबिर की सूचना पर उन्हें गिरफ्तार करके लाहौर लाया गया जहां धर्म तब्दील किए जाने का फरमान जारी कर दिया गया और इनकार करने पर उनके केसों को काटने का आदेश दिया गया परंतु आदेश को दरकिनार कर उनकी केश सहित खोपड़ी उतार दी गई इस घटना के उपरांत लगातार 2 सप्ताह से अधिक समय तक गुरबाणी पाठ व नाम स्मरण करते हुए शहीद हो गए वहीं जकरिया खा का पेशाब बंद होने से वह परेशान हो गया कोई इलाज ना होने पर उन्होंने सिख संगत से निवेदन किया तो संगत ने भाई तारु सिंघ के जूते जकरिया के सिर पर मारे जाने का आदेश दिया सिर पर जूते मारने से जकरिया का बंद खुल गया और वह कुछ दिन बाद अपनी मौत स्वयं ही मर गया । अरदास में भी भाई तारु सिंघ को सम्मान पूर्वक नमन किया जाता है कार्यक्रम का संचालन सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई के संचालक देवेंद्र सिंघ और सिख प्रचारक सभा के सदस्य कविश्री जत्था भाई देविंदर सिंघ ताज द्वारा किया गया । 21 युवकों को बांटी गई पुस्तकों की सेवा समाजसेवी हरविंदर सिंघ ग्रोवर द्वारा की गई । इस मौके पर आयुर्वेदाचार्य ध्यान सिंघ पंछी के अलावा परमजीत सिंघ,मनमीत कौर, बलविंदर सिंघ, गुरजीत सिंघ, अमनदीप सिंघ, गुरबचन सिंघ, अजीत सिंह, गगन सिंह बाजवा, साहब सिंघ, अमरीक सिंघ, पाल सिंघ, जसवीर सिंघ, जसवीर सिंघ, सतनाम सिंघ, उत्तम सिंघ आदि शामिल थे ।