-65 गदरपुर विधानसभा चुनाव भाजपा का गढ़ तोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती -चुनाव तिथि घोषित होते ही राजनैतिक दलों में हलचल तेज
सम्पादक विनोद कुमार की कलम से
गदरपुर। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होते ही विभिन्न राजनैतिक दल सक्रिय हो गये है। हलांकि कोरोना के चलते जन सभायें, रैली आदि पर रोक लगायी हैं। अभी तक किसी भी दल से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। भाजपा की और से लगातार चौथी बार विधायक बने अरविन्द पांडेय की टिकट पक्की मानी जा रही है।
सूत्र बताते है कि कुछ नेता भाजपा के टिकट के लिए जोर अजामइश करने में जुटे हुए हैं। जबकि अभी तक कांग्रेस पार्टी सहित अन्य दलों ने भी अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किये है। इस विधानसभा से कांग्रेस की लगातार हो रही हार के चलते हाईकमान को उम्मीदवार का चुनाव करना काफी कठिन हो गया है। वहीं अन्य दलों का इस सीट पर कोई विशेष आधार नहीं माना जा रहा है, लेकिन उनके द्वारा भी टिकट की घोषणा नहीं की गयी है। वहीं भाजपा विधायक एवं कैबिनेट मंत्री अरविन्द पांडेय के पिछले पांच साल का लेखा जोखा उठाया जाये तो उससे लगता है भाजपा की प्रदेश सरकार होने के कारण उनके द्वारा विकास कार्य की कोई कसर नहीं छोड़ी गयी है जिसमें बाईपास निर्माण, डिग्री कालेज, मिनी खेल स्टेडियम, अक्षय पात्र भोजन योजना सहित कई महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण करवाना उनके विकास का उदाहरण माना जा रहा है। लेकिन फिर भी इस चुनाव में कांग्रेस विकास के मुद्दे एवं भाजपा विधायक पर लगाये जा रहे अनेक आरोपों को लेकर चुनाव मैदान में आयेगी। इसका कितना असर होगा वह मतदाताओं पर निर्भर करेगा। हांलकि इस बार कोरोना के चलते चुनाव आयोग द्वारा जनसभाओं एवं रैली पर रोक लगा दी गयी है प्रत्याशी अपनी बात को सोशल मीडिया के माध्यम से ही जन जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। इसका कितना असर मतदाताओं पर पड़ेगा वह चुनाव परिणाम के बाद ही खुलकर सामने आयेगा। वहीं टिकट को लेकर कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते हाईकमान ने सही प्रत्याशी को चुनाव में नहीं उतारा तो इस बार भी भाजपा के लिए सीट निकालना आसान हो जायेगा।
कांग्रेस टिकट के कई दावेदार
गदरपुर। कांग्रेस का टिकट लेने वालों की सूची पर यदि गौर किया जाये तो काफी लम्बी है। सूत्र बताते है कि मुख्य दावेदारों में यदि हाईकमान द्वारा महिला को टिकट दी गयी तो उसमें शिल्पी अरोरा, रीना कपूर, सुरेशी शर्मा, यदि हाईकमान द्वारा युवा को टिकट दी जाती है तो उसमें सुमित्तर भुल्लर, प्रीत ग्रोवर का नाम चर्चा में है। अन्य दावेदारों में पूर्व प्रत्याशी के रुप में राजेन्द्र पाल सिंह, दो बार बसपा से चुनाव जीते प्रेमानंद महाजन एवं कांग्रेज जिलाध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा के नाम पर विशेष चर्चा है। सूत्र यह भी बताते है कि इस सीट पर बंगाली समुदाय के वोट अधिक होने कारण यदि बंगाली समुदाय से प्रत्याशी लाया जाता है तो बसपा से दो बार विजयी रहे प्रेमानंद महाजन का नाम को मजबूत माना जा रहा है। इसके आलावा भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुुए त्रिनाथ विश्वास भी अपनी दावेदारी को मजबूत मान रहे है। सिख समाज को खुश करने के लिए टिकट दी जाती है तो पूर्व प्रत्याशी राजेन्द्र पाल सिंह को मजबूत माना जा रहा है। इसके बावजूद भी उक्त नामों में निर्णय नहीं हुआ तो हाईकमान किसी मजबूत नेता को मैदान में उतारने का मन बना सकता है जिससे इस बार भाजपा के गढ़ को तोड़ा जा सके।