पालिका के कर्मचारी की गलती भुगत रहा है परिवार -आरटीई के तहत बच्ची का दाखिला हुआ निरस्त, आर्थिक रूप से मुसीबत का परिवार कर रहा सामना -पालिका द्वारा बनाई गयी परिवार नकल का मामला
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
संक्षिप्त
गदरपुर। नगर पालिका परिषद में पूर्व में गलत ढंग से जारी की गई परिवार रजिस्टर की नकल में लापरवाही कर्मचारियों के सिर जादू चढ़ता नजर आ रहा है। ऐसे ही एक मामले में नगरपालिका कार्यालय से एक मासूम बच्ची के परिवार रजिस्टर की नकल को फर्जी करार देकर शिक्षा विभाग द्वारा खारिज कर दिया गया। रजिस्टर की नकल असली थी परिवार रजिस्टर की नकल को किसी दूसरे कर्मचारी ने जारी किया था। नकल के खारिज होने से आरटीआई के तहत आवेदन करने वाली मासूम बेटी का प्रवेश अधर में फस गया है। जिसकी आपत्ति पालिका प्रशासन से की गई तो कर्मचारियों ने खलबली मच गई।
विस्तृत
गदरपुर। आवास विकास वार्ड 5 निवासी भूपेंद्र कौर ने अपनी पोती सरगुन दीप कौर का शिक्षा के अधिकार के तहत निशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन किया था पालिका कार्यालय से परिवार रजिस्टर की नकल मांगी थी पालिका द्वारा परिवार रजिस्टर की नकल जारी कर दी गई, जब आवेदन पत्र की जांच हुई तो पालिका कर्मचारी ने रजिस्टर की नकल को फर्जी बताते हुए रद्द कर दिया इसके परिणाम स्वरूप सरगुनदीप कौर का आवेदन निरस्त हो गया। इसकी जानकारी भूपेंद्र कौर को हुई तो उन्होंने पालिका कार्यालय पहुंचकर अधिशासी अधिकारी प्रवीण कुमार सक्सेना से आपत्ति दर्ज कराई मामले की जांच कराई तो पता चला कि परिवार रजिस्टर की नकल सही है, जिसे किसी दूसरे कर्मचारी ने जारी किया था। पालिका प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है, परंतु आरटीआई के तहत मासूम बच्ची का होने वाला दाखिला अधर में लटक गया है, भूपेंद्र कौर ने इस संबंध में चाइल्ड हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करवाई है जिससे पालिका कर्मी की लापरवाही सामने नजर आती है, भूपेंद्र कौर ने एक जनप्रतिनिधि पर भी उक्त कार्य में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया है उसने बताया कि उसकी पुत्र वधू तलाक लेकर उनके परिवार को हमेशा के लिए छोड़ कर चली गई है। जिसका प्रमाण पत्र नगरपालिका में दाखिल है इसकी मासूम बच्ची के पालन पोषण की जिम्मेदारी उन पर है। उन्होंने बताया कि कोरोना लॉकडाउन के चलते उनके बड़े पुत्र का कार्य भी ठप होकर रह गया है भाई छोटा पुत्र तबीयत ठीक ना होने के बावजूद छोटे-मोटे काम करके परिवार का गुजर-बसर कर रहा है,जिससे परिवार आर्थिक रूप से भारी मुसीबत में पहुंच गया है वहीं उन्होंने अपना मकान कर्ज लेकर मनाया था जिसकी किश्ते भी बकाया चल रही है और दूसरी तरफ कुछ जनप्रतिनिधि उनके परिवार के उत्पीड़न के लिए आमादा है उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।