कैबिनेट मंत्री रहे अरविन्द पांडेय, चुफाल व भगत पर सस्पेंस बरकरार -पिछली सरकार के तीनों कैबिनेट मंत्रियों को मिला था अच्छा पोर्टफोलियो
स्ंक्षिप्त
धामी सरकार की नई कैबिनेट ने शपथ ग्रहण कर लिया है। कैबिनेट का विस्तार भी जल्द देखने के लिए मिल सकता है। वहीं पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अरविन्द पांडेय, बंशीधर भगत और विशन सिंह चुफाल को लेकर सस्पेंस बरकरार है।
विस्तृत
देहरादून (संवाद-सूत्र) भाजपा का हर निर्णय चैंकाने वाला रहता है। 2022 में सरकार गठन को लेकर भी ऐसे ही निर्णय देखने को मिल रहे हैं। जहां पुष्कर सिंह धामी को विधानसभा में हार के बावजूद सीएम बनाया गया। वहीं पिछली सरकार में कैबिनेट में शामिल कुमाऊं के तीन वरिष्ठ मंत्रियों को लेकर सस्पेंस बरकरार रख दिया है। कालाढूंगी सीट से सातवीं बार के विधायक बंशीधर भगत पहले तो मुख्यमंत्री की रेस में बताए जा रहे थे। उन्हें प्रोटेम स्पीकर की भी जिम्मेदारी दी गई थी। जब मंत्रीमंडल के लिए विधायकों का शपथ हुआ तो आठ मंत्रियों की सूची में उनका नाम नहीं था। जबकि उनके मंत्री बनाये जाने की चर्चा थी। 72 वर्षीय भगत प्रदेश में सबसे अधिक उम्र के विधायक भी हैं। पिछले भाजपा सरकार में शहरी आवास समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके पास थे। इसके अलावा डीडीहाट से छठी बार के विधायक विशन सिंह चुफाल भी पिछले भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ जिले से आने वाले चुफाल को उम्मीद थी कि वह मंत्री बन सकते हैं, लेकिन पहली सूची में उनका नाम शामिल नहीं हो सका। वह पेयजल समेत कई विभागों के मंत्री थे। ऊधम सिंह नगर जिले की गदरपुर सीट से पांचवी बार के विधायक अरविंद पांडेय भी मंत्रीमंडल में स्थान पाने से वंचित रह गए हैं। वह पिछली भाजपा सरकार में तेजतर्रार शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। पिछली भाजपा सरकार में कुमाऊं से एक और विधायक यशपाल आर्य कैबिनेट मंत्री थे। इस बार वह कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कैबिनेट मंत्री रह चुके इन तीन विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल न किये जाने को लेकर सस्पेंस बरकरार है। वैसे भी अभी मंत्रीमंडल में तीन पद रिक्त हैं। ऐसे में इन वरिष्ठ विधायकों को अभी आस है कि आने वाले समय में मंत्री बनाया जा सकता है।