गदरपुर के प्राइमरी स्कूल में तीन सौ बच्चे टीचर मात्र तीन -यह हालात है गदरपुर क्षेत्र में प्राइमरी स्कूल की शिक्षा स्तर का
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर। राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को किताबों से लेकर ड्रेस खाना व जूते तो मिल रहे हैं लेकिन जो असल में मिलना चाहिए वही नहीं मिल पा रहा है हम बात कर रहे हैं शिक्षकों की कमी की । प्राइमरी स्कूल में करीब 300 से अधिक बच्चे हैं पर वहां पढ़ाने के लिए महज तीन अध्यापक नियुक्त हैं इससे सरकार की शिक्षा नीति पर सवालिया निशान उठ रहे हैं राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रथम में वर्तमान में करीब 300 बच्चे अध्यनरत है इनमें अधिकांश बच्चे ऐसे हैं जो बेहद ही गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं इन बच्चों को सरकार किताबें बैग, ड्रेस, खाना व जूते तक मुक्त मुहैया करवाती है परंतु दुर्भाग्य की बात है कि स्कूल में 300 बच्चों को पढ़ाने के लिए महज तीन शिक्षक हैं इनमें से भी कुछ शिक्षक अवकाश भी लेते हैं कुछ सरकारी कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं चुनाव ड्यूटी पर भी इनको जाना होता है कक्षा एक से 5 तक की कक्षाएं चलती हैं पांच कक्षाओं के लिए तीन टीचर है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राइमरी स्कूल में शिक्षा का स्तर कैसा होगा यह तो भला हो कुछ स्वयं सेवी संस्थाओं का जो विद्यालय में फर्नीचर पंखे व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवा देती है अन्यथा स्थिति और भी खराब हो जाती अब एक शिक्षित महिला सीमा फुटेला बिना वेतन के निशुल्क शिक्षा प्रदान करवा रही हैं जिससे बच्चों का स्तर ऊपर उठ सके स्कूल के प्रधानाचार्य राकेश चैहान से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि इस बाबत कई बार अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है परंतु अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है अब एक एनजीओ एलड़ा फाउंडेशन बच्चों को खेल की सामग्री उपलब्ध करवाने हेतु आगे आई है जिससे बच्चों का शारीरिक व मानसिक रूप से विकास हो सके फाउंडेशन की अध्यक्षता डॉक्टर पूजा अहमद ने बताया कि वह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विगत लंबे समय से प्रयासरत है साथ ही किशोर युवतियों को साफ सफाई रखना सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए भी प्रेरित कर रही है।
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