उत्तराखंड में इस साल नहीं हो पाएंगे निकाय चुनाव, कई मुद्दों पर फंसा है पेंच
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
देहरादून। अगले साल देश में लोकसभा चुनाव भी हैं ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तराखंड में निकायों के चुनाव आम चुनाव के बाद ही होंगे। निकाय चुनाव तय समय में नहीं होने की मुख्य वजह निकायों का परिसीमन व सीमा विस्तार बताया जा रहा है। अब यह करीब करीब साफ हो गया है कि राज्य में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव तय समय पर नहीं होंगे। साफ है कि दो दिसंबर को कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्य सरकार निकायों में प्रशासकों की तैनाती कर देगी। यह तैनाती छह माह के लिए होगी। अगले साल देश में लोकसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि निकायों के चुनाव आम चुनाव के बाद ही होंगे। निकाय चुनाव तय समय में नहीं होने की मुख्य वजह निकायों का परिसीमन व सीमा विस्तार बताया जा रहा है। दरअसल हाई कोर्ट में राज्य में निकाय चुनाव प्रक्रिया आरंभ नहीं किए जाने को लेकर जसपुर निवासी अनीस ने जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से पूछा है कि चुनाव कराने के लिए आयोग की तैयारी को शपथ पत्र के माध्यम से बताएं। याचिकाकर्ता के अनुसार जसपुर नगर पालिका सहित प्रदेश के नगरपालिकाओं के निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल दो दिसंबर को समाप्त हो रहा है। वही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश किशन सिंह तोमर बनाम केंद्र सरकार में निर्णय देते हुए कहा है कि पालिकाओं के पांच वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने से छह माह पहले चुनावी कार्यक्रम घोषित किया जाए। इस याचिका पर सुनवाई जनवरी पहले सप्ताह में नियत है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कोर्ट को भेजे गए जवाब में बताया गया है शासन ने 25 अक्टूबर को राज्य के 93 स्थानीय निकायों के परिसीमन, वार्डों का निर्धारण किया जा रहा है। जिसके बाद निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी किया गया है। लोकसभा से पहले होंगे निकाय चुनाव?, हाई कोर्ट के सवाल के बाद तैयारियां जोरों पर है। देहरादून जिले में नगरपालिका हरर्बटपुर का सीमा विस्तार होना है। सीमा विस्तार व परिसीमन की कार्रवाई में दो माह लगने की संभावना है। टिहरी जिले में नगरपालिका नरेंद्र नगर व नगर पंचायत कीर्ति नगर के सीमा विस्तार व परिसीमन में भी दो माह का समय लगने की संभावना है। आयोग को बताया गया है कि राज्य में उत्तरकाशी में नगर पंचायत गंगोत्री, चमोली जिले की नगर पंचायत बद्रीनाथ व रुद्रप्रयाग में नगर पंचायत केदारनाथ गैर निर्वाचित निकाय हैं, यहां चुनाव नहीं होते हैं। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर जिले की बाजपुर पालिका का कार्यकाल 25 जुलाई 2024 को जबकि हरिद्वार में नगर निगम बोर्ड रुड़की का कार्यकाल दो दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। इसके अलावा पिथौरागढ़ जिले में नगर पंचायत मुनस्यारी, चमोली में नगर पंचायत नंदा नगर घाट नई नगर पंचायत बनी हैं। आयोग की ओर से निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण का अभियान भी हरबर्टपुर, नरेंद्रनगर, रुद्रप्रयाग एवं बाजपुर को छोड़कर चलाया जाएगा। नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी-काठगोदाम, कोटद्वार व श्रीनगर के निर्वाचक नामावली के पुनरीक्षण के लिए आयोग की ओर से अलग अधिसूचना जारी की गई है।