जान से मारने की नियत से बुर्जुग महिला पर हथौडे से वार करने वाली महिला को थाना ट्राजिट कैम्प पुलिस ने किया गिरफ्तार
रुद्रपुर (पुलिस मीडिया) आरिन्दा दीपक भाटिया पुत्र स्व0 रामचन्द्र भाटिया निवासी इडब्लूएस 351 आवास विकास थाना ट्राजिट कैम्प ने उपस्थित थाना आकर एक किता तहरीर बाबत दिनांक 1 जुलाई 2023 को अज्ञात महिला द्वारा घर मे घुसकर जान से मारने की नियत से हथौडे से वार कर वादी की माता को गम्भीर रुप से घायल कर देने के सम्बन्ध मे थाना ट्राजिट कैम्प मे मु.सं. -195/2023 452/307 आइपीसी की धारा में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना ऊधम सिंह नगर नीमा बोहरा के सुपुर्द की गयी । उपरोक्त घटना के शीघ्र अनावरण व अभियुक्ता की शीघ्र गिरफ्तारी के परिप्रेक्ष्य में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद ऊधम सिह नगर के पर्यवेक्षण व पुलिस अधीक्षक अपराध एंव यातायात, पुलिस अधीक्षक नगर , क्षेत्राधिकारी नगर के निर्देशन व प्रभारी निरीक्षक के नेतृत्व मे उ.सि.नगर नीमा बोहरा, कानि. दिनेश चन्द, कानि. राकेश खेतवाल कानि. महेन्द्र डंगवाल, कानि. पंकज सजवाण की टीम गठित की गयी। गठित टीम द्वारा दिनांक 11.07.2023 से लगातार लगभग 500 सीसीटीवी कैमरो की फूटेज को देखा गया तथा मुखबिर भी मामूर किये गये काफी कडी मेहनत के फलस्वरुप आज प्रातः 19 जुलाई.2023 को ऊधम सिंह नगर को नीमा बोहरा मय गठित टीम उपरोक्त के द्वारा घटना का अनावरण करते हुये अभियुक्ता रवलीन कौर पत्नी रमनदीप सिंह निवासी मकान नं0-ई0डब्लू0एस0 461 आवास विकास जगतपुरा रोड नियर शिव मंदिर थाना ट्रांजिट कैंप ऊधमसिंह नगर उम्र 32 वर्ष को उसके घर मकान नं.-ई0डब्लू0एस0 461 आवास विकास जगतपुरा रोड नियर शिव मंदिर से गिरफ्तार किया गया। पकडने वाली टीम में निरीक्षक सुन्दरम शर्मा, उ0नि0 नीमा बोहरा, कानि. राकेश खेतवाल, कानि. दिनेश चन्द, कानि. महेन्द्र डगंवाल, कानि. पंकज सजवाण शमिल थे । अभियुक्ता का घटना कारित करने का उद्देश्य-रवलीन कौर पत्नी रमनदीप सिंह निवासी मकान नं0-ई0डब्लू0एस0 461 आवास विकास जगतपुरा रोड नियर शिव मंदिर थाना ट्रांजिट कैंप उधमसिंह नगर उम्र 32 वर्ष एक विवाहिता महिला है जिसका विवाह 13 दिसम्बर 2015 में रमनदीप के साथ हुआ था। दोनों का एक बेटा है, जिसकी उम्र 07 वर्ष है उक्त महिला स्टोन रिज स्कूल बगवाडा में पढ़ाती है द्यमहिला का पति एवम वादी दीपक भाटिया आपस में बचपन के दोस्त थे और इन दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी दीपक भाटिया की मां अभियुक्ता के पति को अपना बेटा की तरह मानती थी अभियुक्ता के पति एवम दीपक भाटिया एक ही कंपनी अशोक लीलैंड पंतनगर में एक ही सेक्शन काम करते है। दीपक भाटिया एचआर हेड है तथा मेरे पति रमनदीप सिह (एक्सक्यूटिव सुपरवाइजर) है। गिरफ्तार अभियुक्ता का कहना है की दीपक भाटिया जानबूझ कर मेरे पति की पूरी सर्दियों भर 05 महीने नाईट शिफ्ट लगाई मैंने अपने पति से बोला आप दीपक भैया से बोलकर अपनी डे शिफ्ट लगा लो लेकिन उसने मेरे पति से बोला की मेरे उपर भी बॉस है मैं नही लगा सकता, जबकि दीपक लगा सकता था। दीपक को 80 हजार सैलरी मिलती है, लेकिन मेरे पति को 22 हजार रूपये ही मिलते है। दीपक भाटिया पूरी सर्दी भर 5 बजे घर आ जाता था अपने परिवार के साथ मौज मस्ती करता था। मेरा पति मेहनत करता फिर भी ना उसे ढंग की सैलरी मिलती ना ही वो हमे टाइम दे पाता। मैं बहुत परेशान हो गयी थी। दीपक भाटिया की पत्नी और बहन भी हमे बड़ा ंघमण्ड दिखाते थे। मुझसे बात नही करते, जबकि मेरा पति उनके घर में आता- जाता रहता था और उनके सारे काम करवाता था तथा उसकी पत्नी और बहन को नौकरी हेतु इंटरव्यू दिलाने मेरा पति ही ले जाता। मुझसे ये लोग सीधे मुँह बात नही करते दीपक की पत्नी सिमरन एमनिटी स्कूल में ऑफिस में जॉब करती है, मैं इस बार एमनिटी स्कूल में इंटरवयू के लिए गयी थी, परन्तु सिमरन मेरे साथ बात नही की उसने मुझे इगनोरे किया। मुझे बहुत गुस्सा आया मैेने अपने पति से बोला की आप उसके घर मत जाया करांे। वो लोग मुझसे बात नही करते और मुझे इगनोर करते है मेरे पति ने बोला तू उनसे मतलब मत रखा कर मेरी तो बचपन की दोस्ती है, मै तो बोलना नही छोड़ सकता। तब मुझे बहुत गुस्सा आया फिर 01 जुलाई को मेरे पति रात में जॉब से घर आये उनका मूड बहुत खराब था वो बहुत परेशान थे। मैंने उनसे परेशानी का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरा आज इन्क्रीमेंट लगना था लेकिन नही लगा। 3000 रुपये तक का घटा हो गया है। मैंने उनसे कहा दीपक भैया तो आपके एचआर हेड है। आपने उनसे बात नही की तो मेरे पति ने बोला क्या बात करता दीपक को सब मालुम ही था तब मुझे अन्दर ही अन्दर दीपक और उसके परिवार के लोगो के लिए नफरत होने लगी मैने ठान ली कि दीपक व परिवार के कारण हमे इतना झेलना पड़ रहा है। हम इनता ज्यादा परेशान है, जबकि ये और इसका परिवार मौज काट रहा है। मैं इसके परिवार की खुशियों को मिटा दूंगी। दीपक की माँ ही उसके परिवार की मुखिया थी। मुझे मालुम था दीपक ,दीपक की पत्नी ,बहन 8.00 बजे तक घर से जॉब में चले जाते है केवल उसकी माँ ही घर पर रहती है मैंने उसे मारने का प्लान बना लिया। मैेने दिनाक 07-07-23 को स्कूल की छुट्टी ली और घर में किसी को नही बताया की मेरी छुट्टी है। मैं रोज की तरह स्कूल जाने के लिए स्कूल की ड्रेस कोड गुलाबी कुर्ती ,काली पेंट ,काला जुता व काला बैग जिसमें मैेने एक दीपक भाटिया की माँ को मारने के लिए एक हथोडा लोहे का बिना हथ्थे वाला ,एक सफेद रस्सा रखा था। उसे लेकर घर से निकलकर 7.40 बजे सुबह टुकटुक में बैठकर दशमेश द्वार होते नैनीताल रोड से होते हुए रोडवेज के सामने गयी । वहा से एक दुसरे टुकटुक में बैठकर श्याम टाकिज से होते हुए आवास विकास रोड में केयर ब्यूटी पार्लर के पास रुकी फिर वहा से पैदल दीपक भाटिया के घर वाली गली में गयी उस दिन उनका गेट बंद था तो मै वापस टुकटुक में बैठकर रोडवेज के सामने महाराजा पैलेस चली गयी वहा पर ही बैठी रही फिर स्कूल के टाइम 2.10 बजे घर वापस आ गयी मैं दिनांक 11-07-23 को दुबारा महरून रंग की टी - शर्ट व काली पेंट ,काला जुता ,मुह में कपडा बांधकर व काला बैग जिसमें मेने एक दीपक भाटिया की मां को मारने के लिए एक हथोडा लोहे का बिना हथ्थे वाला ,एक सफेद रस्सा रखा था को लेकर घर से निकलकर 7.40 बजे सुबह टुकटुक में बैठकर दशमेश द्वार होते नैनीताल रोड से होते हुए रोडवेज के सामने गयी वहा से एक दुसरे टुकटुक में बैठकर श्याम टाकिज से होते हुए आवास विकास रोड में केयर ब्यूटी पार्लर के पास रुकी फिर वहा से पैदल दीपक भाटिया के घर वाली गली में गयी मुझे मालुम था की इसके घर में अब सब लोग अपने जॉब में जा चुके होंगे घर पर इसकी मां अकेले होंगी। दीपक भाटिया के घर का गेट में कुंडा नही लगा था। मैं धीरे से गेट का दरवाजा खोलकर अन्दर गयी नीचे कमरे में ताले लगे थे पहली मंजल में गयी तो दीपक भाटिया की मम्मी अन्दर वाले कमरे में थी मैं उनके बाहर वाले वाले कमरे में चले गयी व जानबूझ कर अलमारी खटखटाने लगी दीपक भाटिया की मम्मी बाहर आई मुझसे पूछने लगी कि यहाँ क्यों आई हो कोन हो तुम , तो मेने उनको जान से मारने की नियत से अपने बैग में रखा हथोडा और रस्सी निकाली मैंने दीपक भाटिया की मम्मी का गला रस्सी से दबाया फिर हथोड़े से उनके सिर में कई वार किये उनके माथे में मारा वो चिल्लाने लगी तो अन्दर से उनका पोता अविराज बाहर आया उसने हल्ला किया तो मैं वहाँ से डर कर बाहर गली की ओर भाग गयी फिर वापस उसी रास्ते केयर ब्यूटी पार्लर के पास से टुकटुक में बैठकर चैकी के सामने से होते हुये कचंतारा होटल ,श्याम टाकिज,गंगापुर रोड,दक्ष चोराहा होते हुए अपने स्कूल 8.35 ंसुबह तक पहुँच गयी मेने टुकटुक में ही अपने बैग में रखे सफेद रंग के कुरते को निकालकर चैकी आवास विकास के पास पहन लिया मैंने अपनी टी- शर्ट को अपने स्कूल के पास नाले में फेक दिया तथा घटना के बाद पहनी कुर्ती एवम जिस हथोड़े व रस्सी से मारपीट की उन्हें मेने अपने बेडरूम में बैड के अन्दर उसी काले रंग के बैग में रख दी थी। मुझसे गलती हो गयी है, माफ कर दो घटना के बाद पहनी कुर्ती एवम जिस हथोड़े व रस्सी को मैंने पुलिस को दे दिया है।