अनुबंधों के संबंधों में जाने कहा संम्बंध को गये, अपने-अपने नहीं रहे अब जाने क्यों प्रतिबंध हो गये -गदरपुर साहित्य कला को समपिर्तत संस्था द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित
विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर। साहित्य कला को समर्पित संस्था अनिरुद्ध काव्य धारा शेरकोट बिजनौर की शाखा गदरपुर के तत्वाधान में ग्रीन कैफे गदरपुर में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिष्ठित कवियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भं रामपुर से आये हुए जितेन्द्र कमल आनंद गुरु जी संस्थापक सुबोध कुमार शर्मा अंशु अवनिजी आगरा से संजीव संजीव सारस्वत, प्रीति चैधरी गजरौला, सेडॉ गीता मिश्रा गीत ने दीप प्रज्वलन किया इसके पश्चात गजरौला से आई कवित्री प्रीति चैधरी ने दीप प्रज्जवलित एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर किया।
कवि जितेन्द्र कमल आनंद जी ने अपने सुंदर मधुर कंठ से ने कहा श्रद्धा के माथे पर निष्ठा रोली डलने वाली है नयन क्लास के प्रेम सलिल से अभिनंदन हो जाएगा। रामकिशोर वर्मा रामपुर ने कहा देख ईद के चांद को खुशियां मिली अपार संग में छत पर चांदनी के पाये दीदार, सुबोध कुमार शर्मा शेरकोटी ने कहा, अनुबंधों के संबंधों में जाने कहा संम्बंध को गये अपने-अपने नहीं रहे अब जाने क्यों प्रतिबंध हो गये। अंशु अवनी आगरे से आई हुई ने कहा आंसू को मैं खुद जानती जश्न में वीरान करा दे आंसू की एक बूंद शांति। डॉक्टर सुरेन्द्र जैन ने कहा भारत की स्वाधीनता जिसकी बागी में गूंजी ऐसी मेरी प्यारी हिंदी रानी को नमन है। रामरतन यादव जी ने कहा किसी के दिल में राम बसे हैं किसी के दिल में श्याम बसे हैं। उमाशंकर उमाशंकर साहिल ने कहा जुदा ना होगा कभी राम नाम सांसो से खुला है राम नाम हिंद की फिजाओं में। ओम शंकर मिश्र ने कहा आजकल लोग पुजारी का हुनर रखते हैं खूब सियासी हैं मदारी का हुनर रखते हैं । के पी सिंह विकल ने कहा आग नफरत की लगा कर क्या मिलेगा आपको मूल की इज्जत घटा को क्या मिलेगा आपको और इसी क्रम में सपा सदस्यों ने कहा सावन बीता जाए न आए क्या गरजे बादल धड़कता है मेरा जिया। अरोड़ा ने कहा सत्ता के मद में चूर जस्ट पास बैठे आ सिंहासन हैं चारों पर खड़ी द्रौपदी चारों और दुशासन हैं। रामपुर से आये बलवीर सिंह ने कहा कि ऐसे कैसे यकीन दिलाएं मोहब्बत का हम सनम दिल पर लिखा है नाम दिखाया जाएगा। अंत में कुलवीर चोरी ने धर्म संसद कविता प्रस्तुत की। गीता पोपला, नरेंद्र ग्रोवर, हरबंस लाल छाबड़ा आदि ने भी काव्य पाठ किया। जितेन्द्र कमल आनंद जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कार्यक्रम की सराहना करते लोगों को आभार जताया। संस्था के संस्थापक सुबोध कुमार शर्मा शेकोटी ने आए हुए सभी आगंतुकों कवियों का आभार व्यक्त किया। इसी क्रम में ड्रीम कैफे की ऑनर अनीता ठाकुर ने सभी आगंतुकों का कवियों का हार्दिक अभिनंदन किया। इस अवसर पर डॉ उमाशंकर साहिल की पुस्तक तूरोमत पगली का साहित्यकारों के द्वारा विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन संजीव सारस्वत तपन ने किया।