प्रभारी चिकित्साधिकारी के गलत व्यवहार से चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार, थाने में दी तहरीर -सूचना पर जांच करने पहुंचे सीएमओ, दो-तीन दिन तक होगा जांच का निर्णय, कार्य बहिष्कार लिया वापस
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विनोद वार्ता संवाद-सूत्र
गदरपुर । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक द्वारा थाने में तहरीर देकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी के विरुद्ध नशे की हालत में अभद्र और संवैधानिक भाषा का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी देने के मामले में कार्रवाई की मांग की है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक सिंह ने थाने में दी गई तहरीर के आधार पर बताया कि वह बाल रोग विशेषज्ञ के पद पर 3 माह से कार्यरत है उनकी 24 घंटे की आकस्मिक ड्यूटी है गत दिवस सायं करीव 7.15 बजे डॉ .संजीव सरना ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया। आरोप है कि नशे की हालत में डॉ. सरना द्वारा अभद्र एवं असंवैधानिक भाषा का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि जब वह उनके कार्यालय से बाहर आ रहा था तो पीछे से आकर उन्होंने गालियां देनी शुरू कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ .सरना पूर्व में भी दो बार उनके साथ तथा अन्य चिकित्सकों के साथ ऐसी हरकत कर चुके हैं। जिसकी शिकायत लिखित में समय-समय पर मुख्य चिकित्साधिकारी को दी जा चुकी है । उन्होंने तहरीर की प्रति मुख्य चिकित्साधिकारी उधम सिंह नगर, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर को भी प्रेषित की है । इस मामले को लेकर अस्पताल में कार्यरतं डॉक्टरो द्वारा कार्य बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठकर विरोध जताया गया। इधर जब इस संबंध में डॉ. संजीव सरना से जानकारी ली गयी तो उनका कहना था कि उनके खिलाफ साजिश रची गयी है। उनके द्वारा ऐसा कोई अभद्र व्यवहार आदि नहीं किया गया है। केवल उन्हें बदनाम करने और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हटाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों द्वारा मरीज को बाहर से दवा लिखकर लाने की बात की जाती है जिस पर उन्हें कई बार टोक जा चुका है। परंतु उनके द्वारा उनकी चेतावनी को हमेशा नजर अंदाज किया गया और उन्हें हटाने के लिए उनके विरुद्ध साजिश रची जा रही है। चिकित्सों के धरने पर बैठने की सूचना पर मौके पर पहुंचे सीएमओ मनोज कुमार ने मामले की जांच करते हुए अस्पताल के कर्मियों से गहन पूछताछ की। इसके उपरान्त उन्होंने पत्रकारों के पूछे गये सवालों के जबाव में बताया कि दोनों पक्षों की बात सुन ली गई है दो-तीन दिन में वह अपना फैसला सुनाएंगे और डॉक्टर को कम पर वापस आने के आदेश दे दिए हैं। वहीं पत्रकारों द्वारा शिकायत की गयी कि कुछ दिन पूर्व एक वरिष्ठ पत्रकार का स्वास्थ्य खराब हो गया था और रात्रि को उनका सुपुत्र अस्पताल गया लेकिन डयूटी पर कोई भी चिकित्सक नहीं मिला। इस संबंध में सीएमओ ने कहा कि रात्रि को कोई न कोई चिकित्सक डयूटी पर रहते है ऐसी बात है तो लिखित रुप में दिया जाये उसकी भी जांच की जायेगी।
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